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दुर्ग। चंदूलाल चंद्राकार शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में सिकल सेल बीमारी पर शुक्रवार को राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में सिकल सेल बीमारी के सम्पूर्ण व स्थाई इलाज की आधुनिक नई पद्धति क्रिस्पर पर चर्चा हुई।
इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के सिकल सेल बीमारी की पहचान एवम उपचार हेतु अग्रपुरुष जो सिकल सेल के पितामह के रूप मैं ख्याति प्राप्त डॉ. पी. के. पात्रा, कुलपति आयुष विश्वविघाल की विशेष उपस्थित रही।
इस कार्यक्रम का संयोजन बायोकेमिस्ट्री की विभागाध्यक्ष डॉ. स्वाति हिवाले ने किया,जो पिछले कई वर्षो तक रायपुर के सिकल सेल सस्थान में मरीजों के परीक्षण इलाज तथा सिकल सेल संबधी शोध में विशेष रुचि लेती रहीं है । डॉ. लोपा मुद्रा भी इस कार्यक्रम में सिकल सेल के मरीजों की सहभागिता हेतु सक्रिय रही। इस कार्यक्रम में नई दिल्ली से आए वैज्ञानिक डॉ. सोविक मैती एवं डॉ. देवज्योति चक्रवर्ती ने क्रिस्पर पर व्याख्यान दिया तथा संस्थान के चिकित्सकों के शंकाओं समाधान किया।
नए उपचार की ये पैथी इस देश मैं पहली बार एम्स नई दिल्ली मैं आयोजित हो रही है। इस कार्यक्रम मैं प्रभारी अधिष्ठाता एवं अस्पताल अधीक्षक डॉ.जयंती चंद्राकार, उप अस्पताल अधीक्षक डॉ कुलदीप संघा, फिजियोलॉजी के एच ओ डी व एम ई यू प्रभारी डॉ. अतुल एम देशकर, एवं वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षक डॉ. पूर्णिमा राज, डॉ नवीन गुप्ता, डॉ. लिपि चक्रवर्ती,डॉ.करण सिंह चंद्राकार, डॉ. शैली चंद्राकार,, डॉ. के. सृजन, डॉ. रूपेश अग्रवाल, डॉ. राजेश सिंघल डॉ. वर्तिका सिंह,डॉ. चाहत, डॉ. रजत, डॉ.अजय एवं डॉ. गरिमा उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत मे डॉ शशिकांत स्वर्णकार ने सभी अतिथियों व, प्रतिभागियों व साहियोगियों को धन्यवाद ज्ञापित किया ।
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