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नक्सल प्रभावित अंदरूनी इलाकों के दर्जनों गांव में नहीं हो पाया चुनाव प्रचार

15 Apr 2024   13 Views

नक्सल प्रभावित अंदरूनी इलाकों के दर्जनों गांव में नहीं हो पाया चुनाव प्रचार

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00 बस्तर में 17 को थम जायेगा प्रचार,19 अप्रैल को मतदान
00 सुरक्षित मतदान के लिए 350 कंपनियां रहेगी तैनात
00 8 विधानसभा के 179 मतदान केंद्र संवेदनशील घोषित
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में बस्तर लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें एक मात्र जगदलपुर विधानसभा सीट आंशिक नक्सल प्रभावित हैं, वहीं बाकी सभी 7 विधानसभा सीट के जिला मुख्यालय को छोड़कर अंदरूनी इलाकों में नक्सलियों का अच्छा खासा प्रभाव देखने को मिलता है। इन दिनों नक्सलियों का टीसीओसी माह जारी है, जिसमें नक्सली बड़ी वारदात को अंजाम देकर वर्ष भर के लिए अपने प्रभाव/वजूद का प्रर्दशन करते हैं, लेकिन इस वर्ष नक्सलियों का टीसीओसी माह में सुरक्षा बल नक्सलियों पर भारी पड़े हैं, बीते टीसीओसी के 03 माह में नक्सलियों के बडे कैडर के 50 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर नक्सलियों की कमर तोड़ दी है, जिसके परिणाम स्वरूप निचले कैडर के नक्सलियों का बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण का दौरा शुरू हो गया है। बावजूद इसके नक्सलियों को कमतर आंकना बड़ी भूल माना जाता है, जब कि 50 नक्सलियों के मारे जाने के बाद नक्सलियों की केंद्रिय कमेटी ने खून का बदला खून से लेने की धमकी भरा पर्चा जारी किया है। नक्सलियों के कमजोर पडऩे के बावजूद बस्तर लोकसभा क्षेत्र के नक्सल प्रभावित अंदरूनी इलाकों जिसमें नारायणपुर के अबूझमाड़, बीजापुर के करचोली, लेंड्रा, मरकमगुड़ा जैसे दर्जनों गांव हैं जहां प्रचार शून्य है। सुकमा, दंतेवाड़ा जिले का भी यही हाल है। कोंडागांव जिले में गिनती के ही ऐसे गांव हैं जहां प्रचार नहीं हो रहा है, बाकी जगहों पर थोड़ी सुगबुगाहट चल रही है। पूरे बस्तर लोकसभा में चुनाव प्रचार बड़े नेताओं की सभाओं, प्रत्याशियों के जनसंपर्क अभियान और नुक्कड़ सभाओं के भरोसे टिका है। भाजपा को जहां राम और मोदी के नाम पर तो वहीं कांग्रेस को महिलाओं को एक लाख देने के नाम पर वोट मिलने की उम्मीद में है। 
छग में पहले चरण में बस्तर ही इकलौती सीट है जहां चुनाव होगा। छग की बाकी दस सीटों पर अलग-अलग चरणों में चुनाव होना है। मतदान प्रक्रिया, पोलिंग अधिकारी और बूथों की सुरक्षा के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मतदान से पहले बस्तर लोकसभा के जगदलपुर व दंतेवाड़ा में प्रदेश की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने दौरा करते हुए अधिकारियों की बैठक ली है। 
पहले चरण में बस्तर लोकसभा सीट में सबसे अधिक मतदाता लिंगानुपात है यहां 14 लाख 72 हजार 207 मतदाताओं में 07 लाख 71 हजार 679 महिला मतदाता हैं, जो कुल मतदाताओं का 52 प्रतिशत है। बस्तर में कुल 1,961 मतदान केंद्रों में से 191 संगवारी मतदान केंद्र बनाए गए हैं, वहीं 36 युवा तथा आठ दिव्यांग मतदान केंद्र निर्धारित किया गया है। बस्तर में वर्ष 2019 में 63.16 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस साल मतदान प्रतिशत बढऩे की उम्मीद है।

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