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*संजय दुबे*
एक आम भारतीय के बारे में आम धारणा है कि उसका विवाह 25से 30साल के बीच में हो जाता है और 55से 60साल की आयु में उसके बच्चे विवाहित हो जाते है याने तीसरी पीढ़ी के आने का काल चक्र शुरू हो जाता है। इसके पलट फिल्मी दुनियां में नायकत्व के लिए उम्र मायने नहीं रखती है। आमिर खान की उम्र आज 59साल की हो गई है। वे प्रतिष्ठित कलाकार के रूप में आज भी स्वीकार्य है।एक सामाजिक प्राणी के रूप में उन्होंने 1987में विवाह कर लिया था, उनकी बेटी का विवाह हो चुका है। इससे परे सिल्वर स्क्रीन पर वे देश के स्थापित नायक है और उनके अभिनय का लोहा दर्शक मानते है। 45साल की उम्र में वे 19साल के छात्र की भूमिका 3 इडियट्स और 65साल के पिता की भूमिका 53साल की उम्र में कर चुके है।
फिल्मों का बाजारवाद है कि किसी भी नायक को जब फिल्मों के बाजार में लांच किया जाता है तो एक मसाला विषयक प्रेम कथा चुनी जाती है। आमिर खान को भी कयामत से कयामत तक के जरिए लाया गया। इस फिल्म का विषय प्रेम और जुदाई था। कयामत से कयामत तक फिल्म ने युवा वर्ग में अलग ही जगह बनाई। आमिर चल निकले लेकिन जैसा आगे होता है, सफल नायक को ढर्रे की फिल्मे मिलने लगती है।आमिर भी इससे बरी नही हो पाए। बहुत सी असफल फिल्म जिनका विषय सिर्फ मसाला होता है, बनी लेकिन सफल नहीं हो पाई।
आमिर को अगर रास्ते पर लाने का काम किया तो महेश भट्ट ने किया ।दिल है कि मानता नहीं फिल्म में आमिर का अभिनय दिखा जो आगे चलकर जो जीता वही सिकंदर, हम है रही प्यार के,दिल, मन के माध्यम से वे दर्शको के दिल में उतरने लगे। राजा हिंदुस्तानी गुलाम और रंगीला तीन ऐसी फिल्म थी जिसने आमिर को वर्स्टाइल बना दिया।
सरफरोश फिल्म आमिर के बहुआयामी अभिनय की एक सफलतम फिल्म थी।लगान दिल चाहता है, मंगल पांडे, रंग दे बसंती, तारे जमीन पर,गजनी, तलाश, घूम -3और थ्री इडियट ,पीके प्रयोगवादी फिल्मे थी इन फिल्मों में आमिर खान ने ये प्रमाणित कर दिया कि उनमें अभिनय प्रतिभा कूट कूट कर भरी हुई है।
दंगल फिल्म ने उन्हे महावीर सिंह फोगाट की जिंदगी को ऐसे जिया कि लोग फोगाट बहनों के साथ महावीर सिंह फोगाट को अमर कर दिया। अगर आप दिल चाहता है और थ्री इडियट फिल्म देखे तो आमिर खान कम उम्र के दिखे तो दंगल में वे उम्र दराज व्यक्ति बने।आप मान सकते है कि नायक की उम्र मायने नहीं रखती है ।
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