Share this post with:
रायपुर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के शिक्षाविद सेवा प्रभाग द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए विश्व शान्ति भवन चौबे कालोनी में आयोजित समर कैम्प प्रेरणा में मन का मालिक बनें विषय पर ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी ने बच्चों को उपयोगी टिप्स दिए।
ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी ने कहा कि मन का मालिक बनने और पढ़ाई में सफलता पाने के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है। हम जिस समय और जो कार्य करते हैं उस समय केवल उसी कार्य के विषय में हमारा ध्यान केन्द्रित होना चाहिए। मन को नियंत्रित करने के लिए अच्छा तरीका यह है कि मन को अपना दोस्त बना लें। अपने मन से बातें करें उसे खाली न रखें। राजयोग मेडिटेशन से एकाग्रता और स्मरण शक्ति दोनों बढ़ती है। अपने मन को एकाग्र करने के लिए राजयोग सीखना जरूरी है। ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी ने एकाग्रता के लाभ गिनाते हुए कहा कि इससे हमारी कार्यक्षमता का विकास होता है। कार्य में परिपूर्णता आती है। निर्णय क्षमता का विकास होता है। स्मरण शक्ति बढ़ती है और मन के संकल्प शान्त होते हैं। उन्होंने एकाग्रता की शक्ति बढ़ाने के उपायों की चर्चा करते हुए कहा कि हमें वही बातें याद रहती है जिसमें हमारी रूचि होती है। इसलिए सबसे पहले हमें अपनी पढ़ाई के प्रति रूचि पैदा करना जरूरी है। कभी भी पढ़ाई को बोझ न समझें।
उन्होंने बतलया कि राजयोग माना परमात्मा से जुड़कर उनसे शक्तियाँप्राप्त करना। राजयोग में स्वयं की पहचान जरूरी है। आत्मा और शरीर का सम्बन्ध मोबाईल और सिम की तरह हैं। हमारा शरीर मोबाईल है तो आत्मा उसकी सिम है। मन बुद्घि और संस्कार आत्मा की तीन शक्तियाँ हैं। मन का कार्य है विचार करना। बुद्घि का कार्य है निर्णय करना और बार-बार किए गए कर्मों से हमारे संस्कार बनते हैं। अब हमें सकारात्मक विचारों को ही अपने मन में जगह देना है।
Share this post with: