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जांजगीर-चांपा। सूचना मिलने पर जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित विवाह वाले घर पहुंची और हल्दी की रस्म के बाद दूल्हे के साथ रवाना होने वाली बारात को रोका प्रशासनिक टीम के सदस्यों ने परिवार जनों को बाल विवाह रोकने की समझाइश दी गई जिस पर सभी सहमत हो गए और विवाह को रोक दिया।
बाल विवाह का यह पूरा मामला पामगढ़ जनपद पंचायत के ग्राम भिलोनी का है।जिला प्रशासन को सूचना मिली थी कि ग्राम भिलौनी में दूल्हे की उम्र कम है, जिसपर कलेक्टर आकाश छिकारा ने बाल विवाह रोकने के निर्देश महिला एवं बाल विकास विभाग को दिये। निर्देश मिलने के बाद महिला बाल विकास अधिकारी अनीता अग्रवाल पुलिस दस्ते के साथ नाबालिग बालक के घर पहुंची। उन्होंनें दूल्हे की अंकसूची दिखाने को कहा।अंकसूची में दूल्हे की उम्र 20 साल 9 माह 10 दिन पाई गई है। वहीं मुंगेली जिले की जिस बालिका के साथ विवाह तय हुआ उसकी उम्र भी कम थी। इसके बाद महिला एवं बाल विकास अधिकारी व पुलिसकी टीम ने दूल्हे के माता-पिता को शादी नहीं करने की समझाइश दी।
महिला एवं बाल विकास अधिकारी अनीता अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि नाबालिग बालक के घर में हल्दी और मेंहदी की रस्म पूरी कर ली गई थी। मुंगेली जिला बारात जाने के लिए तैयारी चल रही थी, जिसे समय रहते बारात को रोका गया।इस दौरान मौके पर उपस्थित अधिकारियों ने बाल विवाह से होने वाली परेशानियों से अवगत कराया। साथ ही कानूनी कार्रवाई के बारे में भी बताया गया, जिसमें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की उम्र 18 वर्ष निश्चित है।
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